आप भी रहे सावधान! जबलपुर में फर्जी डॉक्यूमेंट से करोड़ों के कर्ज का खेल
जबलपुर जिले के पाटन में ग्रामीणों को सरकारी योजना (मनरेगा और सरकारी शौंचालय निर्माण में काम दिलवाने) का लाभ दिलाने का झांसा देकर उनके दस्तावेजों को लेकर फर्जीवाड़ा करने का मामला सामने आया है। जालसाजों ने उन दस्तावेजों के जरिए मोटरसाइकिल फाइनेंस करवाकर बैंक और फाइनेंस कंपनियों से साढ़े पांच करोड़ रुपये से ज्यादा की रकम ऐंठ ली है। यह फर्जीवाड़ा पाटन के श्री सांई आटो मोबाइल्स के संचालक मोहित पैगवार ने हीरो फिन कार्प कंपनी के सेल्स एक्जीक्यूटिव सचिन पांडेय और इण्डस्इंड बैंक लिमिटेड के मार्केटिंग आफिसर अंकित पटेल के साथ मिलकर किया।
आरोपी मोहित पैगवार ने साल 2016 में हीरो मोटोकॉर्प मोटरसाइकिल की एजेंसी खोली। मोहित अपने कर्मचारी के साथ मिलकर ग्रामीणों को फसाता था। पूरा आरोपी गिरोह जरूरतमंदों के मतदाता पत्र, आधार कार्ड, परिचय पत्र, बैंक पासबुक और पेनकार्ड की फोटोकापी नौकरी लगवाने के नाम पर जमा कर लेते थे। आरोपियों ने इण्डस्इंड बैंक से 94 लोगों के नाम से वाहन फाइनेंस कराए। बाद में इंजन और चेचिस नंबर में बदलाव कर फर्जी तरीके से वाहनों को बेच दिया। वहीं सुपर एजेंसी से 886 वाहन खरीदे। वाहनों का पंजीयन कराए बगैर ही लोगों को बेच दिए। पहले वाहनों का पंजीयन होने का झासा दिया गया, बाद में लंबे वक्त तब जब लोगों वाहन एजेंसी से नंबर नहीं मिला तो उन्होंने पुलिस शिकायत की।
मोबाइल पर EMI कटने का मैसेज आया तब हुआ खुलासा
वाहन फाइनेंस के बाद लगभग 3 से 4 महीने बाद जिनके नाम से वाहन फाइनेंस हुए थे उनके मोबाइल पर EMI(मासिक किश्त) कटने के मैसेज आने लगे। जब पीड़ितों ने थाने में जाकर रिपोर्ट लिखवाई तो पीड़ितों को वहां से बैंक भेज दिया गया। जब बैंक में पीड़ितों ने पूरी बात बताई तो बैंक अधिकारी ने कहा कि आपने बाइक फाइनेंस करवाई है। यह सुनकर वह हैरान रह गए। जब उन्होंने बाइक फाइनेंस की बात से मना किया। इसके बाद थाने में शिकायत दर्ज करवाई।
आप भी रहे सावधान!
आप भी किसी को अपने डॉक्यूमेंट जैसे – बैंक पासबुक, पेनकार्ड, वोटर कार्ड, आधार कार्ड,राशन कार्ड, दे रहे हैं तो आपको भी पूर्ण सावधानी रखनी चाहिए। इन्ही डॉक्यूमेंट का उपयोग कर जबलपुर में एक दो पहिया (हीरो बाइक एजेन्सी) के संचालक ने दो बैंकों और फाइनेंस कम्पनी से लगभग 6 करोड़ की 886 बाइक फाइनेंस करवा ली। डॉक्यूमेंटधारियों को इसकी भनक तक नहीं लगी। इसका पर्दाफाश तब हुआ जब डॉक्यूमेंटधारियों के पास उनके मोबाईल पर EMI (मासिक किश्त)कटने के मैसेज पहुंचें। अब तक लगभग 150से ज्यादा लोग इसकी शिकायत कर चुके है। जांच के बाद को मोहित पैगबार, सचिन पांडेय, अंकित पटेल तथा मोहित पैगवार के अन्य सहयोगियों के विरुद्ध धारा 420, 467, 468, 34 भादवि का अपराध पंजीबद्ध हुआ है। सभी आरोपितों की तलाश हो रही है।
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