
नोएडा में डॉ. फर्जी डिग्री के सहारे चला रहा था IVF सेंटर, महिला की मौत के बाद खुला राज
उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा में एक शख्स फर्जी MBBS डिग्री के सहारे इन विट्रो फर्टिलाइजेशन (IVF) सेंटर चला रहा था। फर्जी डॉक्टर द्वारा संचालित अस्पताल में इलाज में ‘‘घोर लापरवाही’’ के कारण एक महिला की मौत हो गई। पुलिस ने मामले में कार्रवाई करते हुए फर्जी डॉक्टर प्रियरंजन ठाकुर को गिरफ्तार कर लिया है और उसके खिलाफ बिसरख पुलिस थाना में FIR दर्ज की गई है। डॉक्टर जिस MBBS डिग्री के सहारे इस सेंटर का चला रहा था, जांच में वो फर्जी मिली है। जानकरी के मुताबिक गाजियाबाद वसुंधरा निवासी चंद्रभान रावत की पत्नी ललिता रावत आईवीएफ (IVF) कराना चाह रही थीं। इन विट्रो फर्टिलाइजेशन को IVF कहा जाता है। पहले इसे टेस्ट ट्यूब बेबी के नाम से जाना जाता था।
बीते 19 अगस्त को पति-पत्नी सुबह करीब साढ़े 9 बजे क्रिएशन वल्ड नामक आईवीएफ सेंटर पर पहुंच गए।
आरोप है कि फर्जी डॉक्टर ने महिला को एनेस्थिसिया की ओवर डोज दे दी जिससे ललिता की तबीयत ज्यादा बिगड़ गयी, इसके बाद महिला की 26 अगस्त को मौत गयी, महिला के पति ने आईवीएफ सेंटर के संचालक के खिलाफ लापरवाही का आरोप लगाते हुए थाना बिसरख में मुकदमा दर्ज करवाया था. जिसके बाद बिसरख पुलिस ने आरोपी डॉक्टर को गिरफ्तार कर लिया है.।पुलिस उपायुक्त (मध्य नोएडा) राजेश एस. ने कहा कि गाजियाबाद के इंदिरापुरम की रहने वाली महिला 19 अगस्त को बिसरख इलाके के ईको विलेज 2 में प्रियरंजन ठाकुर द्वारा संचालित आईवीएफ क्रिएशन वर्ल्ड सेंटर गई थी। अधिकारियों ने कहा कि वह इन-विट्रो फर्टिलाइजेशन (आईवीएफ) प्रक्रिया के लिए दो महीने से अस्पताल में इलाज करा रही थी, जो गर्भावस्था के लिए एक प्रौद्योगिकी-सहायता वाली विधि है।
जांच में डॉक्टर की डिग्री निकली फर्जी
पुलिस उपायुक्त ने बताया कि जांच के दौरान, प्रियरंजन ठाकुर के मेडिकल सर्टिफिकेट्स का वैरिफिकेशन किया गया। 2005 की उनकी एमबीबीएस डिग्री में बिहार के मधेपुरा में भूपेंद्र नारायण विश्वविद्यालय का उल्लेख किया गया था, लेकिन वैरिफिकेशन के दौरान डिग्री फर्जी पाई गई।
महिला की मौत के बाद पति ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। लगभग 40 वर्षीय फर्जी डॉक्टर पर भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 338 (लापरवाही से मानव जीवन को खतरे में डालना) और 304 (लापरवाही के कारण मौत) के तहत मामला दर्ज किया गया है। पुलिस ने कहा कि ठाकुर की मेडिकल डिग्री के फर्जी पाए जाने के बाद उसके खिलाफ आईपीसी की धारा 420 (धोखाधड़ी), 467, 468 और 471 (सभी जालसाजी से संबंधित) के तहत एक और एफआईआर दर्ज की गई है।
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