गुलाम नबी कांग्रेस से आजाद सोनिया गांधी को भेजा 5 पन्नों का इस्तीफा
काग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया है. गुलाम नबी आजाद ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से लेकर सभी पदों से इस्तीफा दे दिया. आजाद ने कांग्रेस की अध्यक्ष सोनिया गांधी को 5 पन्नों का इस्तीफा भेजा है।
गुलाम नबी आज़ाद के समर्थन में 5 पूर्व विधायकों ने भी कांग्रेस से इस्तीफा
वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद के कांग्रेस से इस्तीफे के बाद जम्मू-कश्मीर में 5 पूर्व विधायकों ने भी कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया है. ये सभी 2014 यानी अंतिम विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के टिकट पर चुनाव जीतकर विधायक बने थे.।
*लंबे वक्त से नाराज थे आजाद*
गुलाम नबी आजाद लंबे वक्त से कांग्रेस से नाराज थे. वे कांग्रेस के नाराज नेताओं के जी-23 गुट में भी शामिल थे. जी-23 गुट कांग्रेस में लगातार कई बदलाव की मांग करता रहा है. इससे पहले कांग्रेस के एक और वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया था. उन्हें सपा ने राज्यसभा भी भेजा है.।
आजाद का राज्यसभा का कार्यकाल 15 फरवरी 2021 को पूरा हो गया था। उसके बाद आज़ाद को उम्मीद थी कि किसी दूसरे राज्य से उन्हे राज्यसभा के लिए भेजा जा सकता है। लेकिन कांग्रस पार्टी ने उन्हें नही भेजा। गुलाम नवी आज़ाद का कार्यकाल खत्म होने पर राज्यसभा में उन्हे विदाई देते हुए प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी ने गुलाम नवी आज़ाद के पुराने संस्मरण सुनाते हुए भावुक हो गए थे। 2022 मे मोदी सरकार ने गुलाम नवी आज़ाद को पद्म भूषण सम्मान से नवाजा था। उस समय ये सम्मान अनेक कांग्रेसी नेताओं को रास नहीं आया था। और उन्होने गुलाम नवी आज़ाद को ये सम्मान नही लेने का सुझाव भी दिया था।
गुलाम नबी आजाद की नाराजगी तब सामने आई थी, जब उन्होंने अभियान समिति का अध्यक्ष बनाए जाने के कुछ घंटों बाद ही पद से इस्तीफा दे दिया था. सोनिया गांधी चाहती थीं कि कांग्रेस जम्मू कश्मीर में आजाद के नेतृत्व में विधानसभा चुनाव लड़े. इसलिए उन्हें चुनाव अभियान समिति का अध्यक्ष बनाया गया था. लेकिन गुलाम नबी ने पद मिलने के कुछ घंटों के बाद ही स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए इस्तीफा दे दिया था. इसके बाद से उन्हें लेकर राजनीतिक गलियारों में तमाम कयास लगाए जा रहे थे।
सोनिया गांधी को भेजे गए इस्तीफे में गुलाम नबी आजाद ने लिखा,
“बड़े अफसोस और बेहद भावुक दिल के साथ मैंने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस से अपना आधा सदी पुराना नाता तोड़ने का फैसला किया है.” गुलाम नबी आजाद ने कहा, भारत जोड़ों यात्रा की जगह कांग्रेस जोड़ो यात्रा निकालनी चाहिए।
शहजाद पूनावाला ने भी काग्रेस पर साधा निशाना
कांग्रेस से बीजेपी में आए शहजाद पूनावाला ने भी अपनी पुरानी पार्टी पर निशाना साधा है. उन्होंने ट्वीट कर कहा, कांग्रेस दरबार कभी भी किसी ‘आजाद’ को बर्दाश्त नहीं कर सकता, सिर्फ गुलाम चाहता है. 5 साल पहले मैंने कहा था कि कांग्रेस शुद्ध परिवार प्रदर्शन से ऊपर है यहां कोई आंतरिक लोकतंत्र नहीं है; कोई जवाबदेही नहीं; चाटुकारिता को योग्यता से ऊपर रखता है. आज मैं फिर से सही साबित हुआ हूं।
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