जनता को मुसीबत में डालने के लिए नहीं, उनकी मुसीबतें दूर करने के लिए आएं हैं: महापौर
ग्वालियर। महापौर डॉ. शोभा सतीश सिकरवार अब फुल एक्शन में आ गईं हैं। उन्होंने पिछले दो दिन में लगातार औचक निरीक्षण कर अधिकारियों को अपने मंसूबे बताते हुए निगमायुक्त किशोर कन्याल को स्पष्ट कर दिया है कि लापरवाही पर तत्काल कार्रवाई करें। हम जनता को मुसीबत में डालने के लिए नहीं आए हैं उनकी मुसीबतें दूर करने के लिए आएं हैं। इसलिए अगर जनता को दिक्कत हुई तो किसी की खैर नहीं है। बरसात के बाद शहर की बदहाल सड़कें, स्ट्रीट लाइटें खराब होने से कई मोहल्लों में अंधकार, जलालपुर वाटर प्लांट में अफसरों की लापरवाही से प्लांट में गंदा पानी भरना, पार्षदों की शिकायतों पर अधिकारी ध्यान नहीं दे रहे हैं, ऐसी लगातार शिकायतों के बाद महापौर डॉ. शोभा सिकरवार अब एक्शन में आ गईं हैं।
17 जुलाई को चुनाव परिणाम आने के बाद कांग्रेस में खुशी की लहर इसलिए छा गई कि 57 साल बाद उसने महापौर का पद भाजपा से छीना है। इन खुशियों में जनता की समस्याएं दब कर रह गई थीं। निगम के अधिकारी अपने ढर्रे पर काम कर रहे थे। निगमायुक्त ने मौके की नजाकत को देखते हुए अफसरों की बैठक लेकर सभी अफसरों को हर रोज दो घंटे फील्ड में जाने का फरमान सुना दिया, लेकिन यह औपचारिक ही रहा।
एक अगस्त को शपथ ग्रहण के बाद महापौर लगातार किसी न किसी कार्यक्रम में मंचों की शोभा बन रहीं थीं, विभिन्न सामाजिक संगठन उनके सम्मान में अभिनंदन समारोह आयोजित कर रहे थे। इस कारण सभी यह समझ रहे थे कि जैसा चल रहा है वैसा चलने दो। दरअसल वे जनता से फीड बैक ले रही थी कि निगम में क्या चल रहा है। हालात सुधर नहीं रहे थे, बल्कि बरसात ने हालातों को और भी बदहाल कर दिया, ऐसे में पहले तो महापौर ने अधिकारियों की बैठक ली और उन्हें समझाइश दी। जब रवैए में सुधार नहीं हुआ तो फिर वे मैदान में उतर गईं। गत दिवस उन्होंने शहर की स्ट्रीट लाइट की वस्तुस्थिति देखकर अधिकारियों को फटकार लगाई। वे जहां भी पहुंची वहां खंबों पर लाइट नहीं थी। उन्होंने कहा कि यह नहीं चलेगा।जलालपुर स्थित जल शोधन संयंत्र में पानी भरने को लेकर वे काफी नाराज थीं, इसके बाद वे यहां का निरीक्षण करने पहुंच गई और यहां जो हालात बनें है उसके लिए जिम्मेदारी तय करने के लिए उन्होंने जांच के निर्देश भी दिए।
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