1000 करोड़ में बन रहा श्रीकृष्ण मंदिर ‘चंद्रोदय’
श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर विशेष
मायापुर/कोलकाता | दुनिया के सबसे बड़े मंदिर का निर्माण अब अंतिम चरण में है। पश्चिम बंगाल के नदिया जिले में स्थित मायापुर में इस्कॉन मुख्यालय में साल 2009 से मंदिर का काम चल रहा है। 700 एकड़ ( 28 लाख वर्ग मीटर ) में फैला परिसर दुनिया का सबसे बड़ा मंदिर होगा। अब तक सबसे बड़े मंदिर का तमगा कंबोडिया के अंगकोर वाट के पास है, जो करीब 16 लाख वर्ग मीटर में फैला है। मायापुर में बन रहे मंदिर का उद्घाटन 2023 की होली पर प्रस्तावित था । लेकिन कोरोना के चलते निर्माण में हुई देरी के चलते अब यह 2024 तक संभावित है।
मंदिर की विशालता का अंदाज इसी बात से लगाया जा सकता है कि इसकी नींव 100 फीट की है। यानी जमीन में दस मंजिला इमारत के बराबर मंदिर का निर्माण पूरा होने के बाद एक साथ दस हजार लोग भगवान कृष्ण के दर्शन कर सकेंगे। इस बार 19 अगस्त को जन्माष्टमी यहां धूमधाम से मनाई जाएगी। परिसर में झांकी निकाली जाएगी । एक लाख से ज्यादा भक्त इसमें शामिल होंगे। इस्कॉन के संस्थापक प्रभुपाद जी ने 1971 में मायापुर में तीन एकड़ जमीन खरीदी। 1972 में भूमिपूजन हुआ और 2009 में मंदिर का निर्माण शुरू हुआ । मंदिर के निर्माण का शुरुआती बजट 600 करोड़ रुपए था, लेकिन कोरोना और इसके बाद बढ़ी लागत से बजट एक हजार करोड़ रुपए पहुंच गया। कार निर्माता कंपनी फोर्ड के मालिक अल्फ्रेड फोर्ड ने 300 करोड़ रुपए दान किए हैं।
इस्कॉन या इंटरनैशनल सोसायटी ऑफ कृष्णा कॉन्शियसनैस का मुख्यालय मायापुर में है। इस मंदिर की कई विशेषताएं हैं, जो इसे अद्वितीय बनाती हैं। इसका निर्माण एक दशक पहले शुरू हुआ था और संरचना के निर्माण में दो करोड़ किलो से अधिक सीमैंट का इस्तेमाल हो चुका है। इसमें हर मंजिल का फ्लोर एक लाख वर्ग फुट का होगा, जो इसे और भी खूबसूरत बनाता है और साथ ही मंदिर में सबसे बड़ा गुंबद बना है।
वैदिक ज्ञान पर आधारित एक वैज्ञानिक और आधिकारिक प्रस्तुति के माध्यम से दुनिया भर में वैदिक संस्कृति और ज्ञान का प्रसार करने के इरादे से इस मंदिर को बनाया गया है। 380 फीट ऊंचे मंदिर में विशेष ब्लू बोलिवियन संगमरमर का उपयोग किया गया है, जो मंदिर में पश्चिमी वास्तुकला के प्रभाव को दिखाता है।
दुनिया का सबसे बड़ा वैदिक मंदिर होगा:
यह दुनिया का सबसे बड़ा वैदिक मंदिर भी होगा , जहां सिर्फ भगवान रहेंगे। यहां तीन विशाल शिखर बनाए गए हैं। मुख्य शिखर राधा – कृष्ण और पूर्वी शिखर नरसिंह देव का है। रोशनी से हवा तक के लिए प्राकृतिक व्यवस्था रहेगी। 350 फीट ऊंचे मंदिर में 14 लिफ्ट लगाई गई हैं। आमतौर पर प्लेनेटेरियम में ग्रह – नक्षत्र दिखाते हैं लेकिन श्रीश्री मायापुर चंद्रोदय मंदिर में बन रहे प्लेनेटेरियम में सभी लोक के वर्चुअल दर्शन होंगे। यहां स्थापित सुदर्शन चक्र 20 फीट का है। वहीं कलश 40 फीट ऊंचा है । इस मंदिर में लगने वाले टाइल्स राजस्थान के धौलपुर के साथ ही वियतनाम, फ्रांस, दक्षिण अमेरिका से आए हैं ।
छायाचित्र: साभार - पंजाब केसरी, द हिन्दू टाइम्स
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