परमात्मा आपके भीतर बैठा है, लेकिन आप बाहर खोज रहे है: मुनि विनय सागर
ग्वालियर। परमात्मा आपके भीतर बैठा है। लेकिन आप बाहर खोज रहे है। क्रोध, माया, मोह को हटाते जाओं परमात्मा तुम्हारे भीतर से प्रकट होगा। बुद्धि हमेशा साफ रखो। परमात्मा जिसको देता है बुद्धि हर लेता है। हर पत्थर भगवान बन सकता है लेकिन उसके लिए प्रतिष्ठा और पूजा करने वाला चाहिए। हर शब्द शास्त्र बन सकता है बस लिखने वाला चाहिए। यह बात श्रमण मुनिश्री विनय सागर महाराज ने साधनमय बर्षयोग समिति एवं सहयोगी संस्था पुलक मंच परिवार ग्वालियर व मुख्य संयोजक मनोज जैन, जैन कालेज के संयुक्त तत्वावधान में आज बुधवार को माधवगंज स्थित चातुर्मास स्थल अशियाना भवन में आयोजित 48 दिवसीय श्री भक्तामर महामंडल विधान में धर्मसभा को संबोधित करते हुए कही।
मुनिश्री ने कहा कि कहा कि सबसे पहले कष्टों में खुद को ढीला छोड़ना होगा तभी जाकर उन कष्टों से मुक्ति मिल सकती है। धर्म के साथ किया गया कर्म ही फलदायी और पापों को दूर करने वाले हैं। धर्म से हटकर किए गए कर्म पीड़ादायी हैं। दुनिया में रहना है तो कष्ट तो भोगने ही पड़ेंगे। भक्त को तटस्थ भाव से सुख और दुख का सामना करना चाहिए। प्रभु को मनाने में एक अड़ियल भक्त ही सफल हो सकता है। प्रभु पर विश्वास के साथ श्रद्धा भी करनी चाहिए। तुम भी प्रभु को अपना बना लो। चातुर्मास के मुख्य संयोजक मनोज जैन ‘जैन कॉलेज’ ने भक्तामर जाप्य कलश लेने वाले वीरेंन्द्र जैन का साफा व दुपट्टा उड़ाकर सम्मान किया । इस अवसर पर पुलक मंच के अजय जैन”बैटरी” चक्रेश जैन, अशोक जैन पोली आदि उपस्थित थे।
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