सराफा कारोबारी के बेटे की थाईलैंड के फुकेत में हादसे में मौत
ग्वालियर। फुकेत में 96 घंटे से जिंदगी और मौत से लड़ रहा ग्वालियर का सत्रह वर्षीय नींव अग्रवाल आखिर जिंदगी की जंग हार गया। उसे बचाने के लिए पिता मनोज अग्रवाल ने जीवनभर की कमाई इलाज में लगा दी, अपने बेटे की आवाज कान में सुनने के लिए माता-पिता चार दिन से सोए नहीं, हर पल वेंटीलेटर पर लेटे, बेटे को आंखें निहार रही थीं। उम्मीद थी, उनका बेटा एक बार फिर जाग उठेगा। पिता की पूरी जमापूंजी खर्च हो गई, लेकिन फिर भी उसने हार नहीं मानी। अपने संबंधी, दोस्तों से रुपये उधार मांगे। जब इसका पता ग्वालियर के व्यापारियों को लगा तो सभी मदद के लिए आगे बढ़े। आर्थिक मदद को भी आगे आगे आए, लेकिन ईश्वर को कुछ और ही मंजूर था। गत बुधवार रात को आखिर नींव दुनिया छोड़ गया। जैसे ही नींव की दु:खद मौत का समाचार ग्वालियर में व्यापारियों तक पहुंचा, सभी में शोक की लहर छा गई। इंटरनेट मीडिया पर भी नींव को बचाने के लिए लोगों ने दुआएं की थी, लेकिन यह दुआएं भी नींव को नहीं बचा सकी।
नींव अपने परिवार के साथ 12 अगस्त को थाईलैंड टूर पर गया था। पिता मनोज अग्रवाल, मां वर्षा अग्रवाल और बहन वंशिका अग्रवाल साथ ही थे। 13 अगस्त को जब वह फुकेत स्थित होटल ली-मेरिडियन के स्वीमिंग पूल में तैरने गया तो मैट पलट जाने से वह गहरे पानी में डूब गया। 13 अगस्त से ही वह फुकेत स्थित बैंकाक अस्पताल में भर्ती था। फेंफड़े, गुर्दे काम नहीं कर रहे थे। वह कोमा में था, इसके चलते उसे वेंटीलेटर पर रखा गया था। चार दिन तक उसे बचाने की कोशिश की गई, करीब 25 लाख रुपये इलाज पर खर्च हुए, बुधवार रात को डाक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। इसकी पुष्टि मनोज अग्रवाल के रिश्तेदार जगदीश मित्तल ने की, जो इस समय फुकेत में ही हैं। जगदीश ने बताया कि डाक्टरों ने उसे मृत घोषित कर वेंटीलेटर हटा लिया। अब उसे भारत लाने के लिए फुकेत में जो नियम हैं, उसके अनुसार कागजी कार्रवाई चल रही है। इसमें एक-दो दिन का समय लग सकता है। इसके बाद उसे भारत लाया जाएगा, ग्वालियर में उसका अंतिम संस्कार होगा। जगदीश ही मनोज और उनके पूरे परिवार को संभाल रहे हैं, क्योंकि वहां इन्हें संभालने के लिए कोई और नहीं है।
विधायक सतीश सिकरवार आर्थिक मदद के लिए सबसे पहले आगे आए
विधायक सतीश सिकरवार को जैसे ही नींव अग्रवाल के बारे में पता लगा तो वह सबसे पहले आर्थिक मदद के लिए आगे आए। विधायक सतीश सिकरवार ने बताया- उन्होंने और उनकी पत्नी महापौर शोभा सिकरवार की ओर से 2 लाख रुपये, भाई नीटू सिकरवार की ओर से 2 लाख रुपये की आर्थिक मदद देने का आश्वासन दिया। लेकिन नींव को बचाया नहीं जा सका। इसके अलावा डा.दीपक यादव ने 1 लाख रुपये, रंजीत पंजवानी ने 50 हजार रुपये और राजू कुकरेजा ने 1 लाख रुपये की मदद करने की।
फुकेत से सराफा कारोबारी के बेटे के शव को भारत लाने के लिए देश के नेता मदद को आगे आए
फुकेत के ली-मेरिडियन होटल के स्वीमिंग पूल में डूबने से सराफा कारोबारी के बेटे नींव अग्रवाल की मौत हो गई। अब उसके शव को भारत लाना है, इसे लेकर देश के वह बड़े नेता आगे आए हैं जो ग्वालियर से जुड़े हैं। दोनों केंद्रीय मंत्रियों ने विदेश मंत्री और विदेश मंत्रालय के अफसरों से भी बात की है। जिससे थाईलैंड सरकार से बात कर जल्द से जल्द नींव का शव ग्वालियर लाया जा सके। इसके लिए खर्चा भी सरकार उठाएगी।
केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने नींव की मौत पर दुख जताया है। उधर केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भी उसकी मौत पर श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए शव को भारत लाने के लिए इंतजाम करने की बात अपने ट्विटर और फेसबुक अकाउंट पर लिखी है।
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