राजनीति में होते तो PM बनते, CJI रमना के विदाई समारोह में बोले वकील
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस एनवी रमना के कार्यकाल का कल (शुक्रवार) आखिरी दिन था. इस दौरान शाम को सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन ने औपचारिक विदाई समारोह आयोजित किया और जस्टिस रमना के कार्यकाल को याद किया. एडवोकेट विकास सिंह ने कहा कि जस्टिस रमना 22 साल की उम्र में पत्रकार हुए और 25 साल में वकील. वो राजनीति में भी जाना चाहते थे, उनके नहीं जाने से राजनीति का नुकसान ही हो गया. अगर ये राजनीति में होते तो वहां भी प्रधानमंत्री होते. जस्टिस रमना ने कई राजनीतिक मामलों में न्याय प्रक्रिया के जरिए अपना स्पष्ट मंतव्य और जनहित के प्रति अपने समर्पण का मुद्दा रखा है। फ्रीबीज मामले में उन्होंने जनता के पैसे के प्रति चिंता जताई और समुचित इंतजाम का रास्ता प्रशस्त किया है।
अपने विदाई भाषण में निवर्तमान सीजेआई एनवी रमना ने कहा कि
यह एक लोकप्रिय धारणा है कि न्यायपालिका आम जनता से बहुत दूर है, अभी भी लाखों पददलित लोग हैं, जिन्हें कानूनी मदद की ज़रूरत है और ज़रूरत के समय अदालतों का दरवाजा खटखटाने से डरते हैं।
उन्होंने कहा कि न्यायपालिका मीडिया में अपनी बात नहीं रखती। मीडिया न्यायपालिका के प्रवचनों को आम जनता तक पहुंचाता है। इसमें लोग संविधान के बारे में जानकारी से वंचित हैं। इन धारणाओं को दूर करना और न्यायपालिका के आसपास जागरूकता और विश्वास पैदा करके संविधान को लोगों के करीब लाना मेरा संवैधानिक कर्तव्य था। मेरा प्रयास केवल न्याय दिलाने का ही नहीं था, बल्कि देश के लोगों को जागरूक करने का भी था।
वहीं देश के नए सीजेआई यू यू ललित ने भरोसा दिलाया कि केसों की लिस्टिंग की समस्या को दूर करेंगे. केसों की जल्द सुनवाई के लिए और मेंशन के लिए योजना तैयार करेंगे. उन्होंने कहा कि सुनिश्चित करेंगे कि पूरे साल कम से कम एक संविधान पीठ बैठे और चले।
सीजेआई रमणा के विदाई समारोह में सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि जज पूरे समय जजमेंट सुनाते हैं, लेकिन बार उनके रिटायरमेंट के दिन फैसला सुनाती है. आज खचाखच भरा सभागार अपना फैसला सुना रहा है कि सब आपको कितना प्यार करते हैं, आप कितने लोकप्रिय हैं. आपने कोर्ट के इन्फ्रास्ट्रक्चर को लेकर सरकार और अन्य हितधारकों से सार्थक बातचीत कर अपनी मैनेजिंग और एक्जीक्यूटिव स्किल का लोहा मनवाया है. विनम्रता और सहृदयता आपकी पहचान है।
पहली बार SC की कार्यवाही की लाइवस्ट्रीमिंग
सुप्रीम कोर्ट ने आज एक नया प्रयोग देखा और वो प्रयोग था- कोर्ट-1 की कार्यवाही को NIC ने सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट पर लाइव स्ट्रीम किया. शुक्रवार को CJI एनवी रमना, जस्टिस हिमा कोहली और जस्टिस सीटी रविकुमार की विशेष बेंच ने महत्वपूर्ण मामलों में पांच फैसले दिए, जिन पर पूरे देश की नजर थी।.
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